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Thursday, 1 March 2018

होली का उत्सव /festival of India Holi


  होली का उत्सव /festival of India Holi


 Myvoiceloud

भारत में होली का उत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।यहाँ पर अनेक धर्मों रीती ,रिवाजों ,परम्पराओं,मान्यताओं के मानने वाले लोग रहते है फिर भी विविधता होते हुए भी एकता हे इसका एक उदहारण होली का उत्सव , होली का त्यौहार है।इस दिन लोग आपस में जिले शिकवे भुलाकर गले मिलते है। इस दिन सब आपस में गुलाल लगाकर मन
 का मेल धोने का प्रयास भी करते हे।

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होली  की मान्यता 


कहते हे की प्राचीन समय में एक राकच्छस हिरण्यकश्यप बड़ा ही बलशाली एवं प्रतापी और पापी राजा था उसके पुत्र प्रह्लाद भगवन विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था ये बात हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं थी क्योंकि वह विष्णु भगवान से नफ़रत करता था उसने अपने पुत्र को मृत्यु देने की ठानी कई प्रयास किये विफल रहा फिर उसने अपनी बहन के संत प्रह्लाद को अग्नि में बिठाया क्योंकि उसकी बहन को अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था परंतु हुआ उसका विपरीत होलिका तो जल गयी और भक्त प्रह्लाद बच गया तभी से होलिका दहन की प्रथा चली आ रही है और लोग इसे बड़े ही धूम धाम से मनाते हे ।

होलिका दहन की एक और मान्यता है जिसमे होली जलने हेतु विधिपूर्वक गाय के गोबर के कंडों की बड़ी सी धेरी लगाकर उसे विधि विधान से सुबह जल्दी आग लगाकर होलिका दहन किया जाता है तथा सारे रस्म अदायगी पूरी की जाती है तथा प्राचीन परंपरा का अनुसरण एवं पालन करते हैं। 

होली में रिवाज 

होली के दिन एक दूसरे को गुलाल और रंग लगाया जाता है तथा आपस में खुशियां मनाई जाती है।
इस दिन घरों में मिठाई एवं तरह तरह के पकवान बनाये जाते है और एक दूसारे को निमंत्रित भी किया जाता है।

इसमे सबसे प्रमुख रिवाज जो हर घर में होता ही हे वो हे एक दूसरे को , दोस्त को , रिलेटिव को रंग लगाना  कलर करना इसमे बहुत आनद आता है आजकल अर्टिफाशल कलर में केमिकल का अधिक उपयोग होने के कारण गुलाल का प्रयोग ही उत्तम है एवं स्वास्थ्य के लिहाज से भी उपयुक्त 
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आधुनिक दोर में भी होली के संस्कारों और मान्यताओं को विज्ञानं ने भी स्वीकृति एवं मान्यता प्रदान की हे इस समय जो भी रिवाज होते है उनके वैज्ञानिक कारन भी खोजे जा सकते हे ।

होली भारतवर्ष में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है जिसको हर भारतवासी बड़े ही उत्साह से मनाता है कहते हे दिवाली तो अमीरो की होती है पर गरीबों की तो होली ही हे क्योंकि होली के लिए केवल कुछ कलर और दोस्त रिश्तेदार बस पर दिवाली में नए कपडे और बहुत सारा खर्चा

होली प्राचीन , धार्मिक तथा वैज्ञानिक आधार पर भी सही और स्पष्ट कारन व मान्यता की पुष्टि कराती है ।

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